छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में गुरुवार को सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में माओवादी पार्टी के केंद्रीय समिति के वरिष्ठ सदस्य और मोस्ट वांटेड नक्सली सुधाकर उर्फ नर सिंहाचलम को मार गिराया गया. सुधाकर पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था और वह तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में सक्रिय माओवादी नेटवर्क का अहम हिस्सा माना जाता था.
नक्सली नेता सुधाकर की मौत नक्सली आंदोलन के लिए बड़ा धक्का माना जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक, सुधाकर पिछले चार दशकों से माओवादी आंदोलन का हिस्सा था और प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के रणनीतिकारों में गिना जाता था. वह आंध्र प्रदेश के एलुरु जिले के चिंतालपुड़ी मंडल स्थित प्रगदावरम गांव का रहने वाला था.
खुफिया सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बल के जवान को लगातार यह इनपुट मिल रहा था कि सुधाकर इलाके में छिपा हुआ है और वहां से नक्सली गतिविधियों के लिए प्लानिंग कर रहा है.
नक्सलियों के खिलाफ अभियान तेज
खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के बाद बीजापुर के राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में गुरुवार सुबह विशेष अभियान चलाया गया. यह ऑपरेशन जिला रिजर्व गार्ड (DRG), विशेष कार्य बल (STF) और कोबरा कमांडो की संयुक्त टीम ने चलाया.
मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मौके से स्वचालित हथियार भी बरामद किए हैं. सुधाकर की मौत माओवादियों के लिए एक और बड़ा झटका है, क्योंकि पिछले महीने भी नक्सलियों के महासचिव बसवराजू उर्फ नम्बाला केशव राव छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके में एक मुठभेड़ में मारा गया था. उस पर 1.5 करोड़ रुपये का इनाम था.
बसवराजू के बाद फिर एक और नक्सली नेता ढेर
सुरक्षा बलों द्वारा नक्सल विरोधी अभियानों को तेज किया है. हाल में नारायणपुर-बीजापुर सीमा क्षेत्र में चली लंबी मुठभेड़ में कई अन्य नक्सलियों के भी मारे जाने की सूचना है. वहीं, आत्मसमर्पण की प्रक्रिया भी तेज हुई है.
बीते सप्ताह सुकमा जिले में 16 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें छह पर कुल 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था. वहीं, बीजापुर में हाल ही में 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 14 पर कुल 28.5 लाख रुपये का इनाम था.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऐलान किया है कि अगले साल मार्च तक देश को नक्सली हिंसा से पूरी तरह से मुक्त किया जाएगा. इस बावत केंद्र सरकार की ओर से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं.